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    कार्डियक अरेस्ट से इंदौर के छह साल के लड़के की दिल्ली में हुई मौत

    इंदौर (मध्य प्रदेश): दिल्ली के एक अस्पताल में हृदय गति रुकने से इंदौर शहर के 6 साल के लड़के की मौत हो गई है। बताया जा रहा हैं कि वह छह साल का लड़का एक दुर्लभ हृदय रोग से पीड़ित था। इस रोग को मायोकार्डिटिस यानी हृदय की मांसपेशी (मायोकार्डियम) की सूजन कहा जाता है। यह सूजन हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को कम कर देती है। जिस कारण से लड़के को दिल का दौरा पड़ा।

    Vihaan Jain Indore Cardiac Arrest
    Vihaan Jain Indore Cardiac Arrest

    लड़के का नाम विहान जैन बताया जा रहा है, यह इंदौर के कंचन बाग में अपने परिवार के साथ रहता था और इंदौर में पहली कक्षा का छात्र था। विहान अपने घरवालों के साथ दिल्ली में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आया था।

    परिजनों ने बताया कि शादी में वह बीमार हो गया था और उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई और इलाज के दौरान विहान ने दम तोड़ दिया।

    विहान के पिता राहुल ने बताया कि “विहान कुछ दिन पहले बीमार हो गया था और उसे सर्दी जुकाम और बुखार था, लेकिन थर्मामीटर पर कोई तापमान दर्ज नहीं हुआ। इसके साथ सीने में दर्द की भी शिकायत थी। जिसके बाद उन्होंने विहान को इंदौर में एक डॉक्टर को दिखाया एवं दवाइया ली थी। जिसके बाद वह ठीक हो गया था और सब पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली आ गए थे।”

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    विहान के पिता को दिल्ली में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें मायोकार्डिटिस है और यह बीमारी किसी वायरस के कारण होती है ।

    मायोकार्डिटिस क्या है?

    प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एडी भटनागर ने बताया कि “मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशियों (मायोकार्डियम) की सूजन है। यह सूजन हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को कम कर देती है। इससे सीने में दर्द, तेज़ या अनियमित हृदय ताल (अतालता) और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।”

    वायरस से संक्रमण की स्थिति में मायोकार्डिटिस का एक कारण है। यह कभी-कभी सामान्य सूजन की स्थिति या दवा की प्रतिक्रिया मायोकार्डिटिस का कारण बनती है।

    डॉ. एडी भटनागर कहा कि गंभीर मायोकार्डिटिस हृदय को कमजोर कर देता है। जिससे हृदय में थक्के बन सकते हैं और इससे शरीर के बाकी हिस्सों को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है। जिससे स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ सकता है।
    मायोकार्डिटिस के आधे से ज्यादा मामले स्वयं ही ठीक हो जाते हैं। अन्य मामले आपके इलाज प्राप्त करने के कई महीनों बाद ठीक हो जाते हैं।

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