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    जानिए BPO क्या है, और यह कितने प्रकार का होता है!

    आपने कभी न कभी BPO के बारे में जरूर सुना होगा। पर अगर आपको उसका मतलब नहीं पता तो यह पोस्ट आपके लिए काफी फायदेमंद होने वाली है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको BPO के बारे बतायेगे एवं BPO के प्रकारो के बारे में भी चर्चा करेंगे। तो जानते है BPO के बारे में।

    BPO ke Prakar
    BPO ke Prakar

    अगर आप BPO से सम्बंधित पूरी जानकारी चाहते है तो यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़े। एवं BPO के बारे में जानने से पहले BPO का फुल फॉर्म जान लेते है।

    BPO का फुल फॉर्म :

    BPO का फुल फॉर्म Business Process Outsourcing होता है। जिसमे Outsourcing का मतलब अपना काम करवाने के लिए किसी तीसरी पार्टी या कंपनी को hire करना होता है।

    BPO क्या है?

    BPO एक बहुत ही प्रचलित सर्विस है जो दिनों – दिन और ज्यादा प्रचलन में आ रही है। इसमें एक कंपनी अपना काम पूरा करवाने के लिए दूसरी पार्टी या कंपनी को appoint करती है। इस process को BPO कहा जाता है। BPO सर्विस का ज़्यादातर इस्तेमाल Customer Care / Call Center, IT, Accounting, Human Resources जैसी कंपनी करती हैं।

    BPO की Categories:

    BPO को दो categories में बांटा गया है:

    • Front – office customer services – इसमें ईमेल भेजना या टेलीफोन पर बात करने जैसे काम आते हैं। इन services के अंतर्गत technical support, marketing, customer service support, inbound और outbound sales आदि काम होते हैं।
    • Back – office customer services – इन सर्विसेज के अंदर data entry, surveys, payment processing, quality assurance, billing, accounting support, payroll और purchasing जैसे काम आते हैं।

    BPO कितने प्रकार के होते हैं?

    BPO 3 प्रकार के होते हैं:

    • Offshore Outsourcing
    • Onshore Outsourcing
    • Nearshore Outsourcing

    Offshore Outsourcing – जब किसी एक देश की कंपनी अपना कोई काम पूरा करवाने या अपनी सर्विसेज को लोगों तक पहुंचने के लिए किसी दूसरे देश की कंपनी को hire करती है, और उनके साथ एग्रीमेंट करती है तो उसे Offshore Outsourcing कहते हैं।

    Onshore Outsourcing – जब किसी एक देश की कंपनी अपना कोई काम पूरा करवाने या अपनी सर्विसेज लोगों तक पहुंचने के लिए उसी देश की किसी और कंपनी को hire करती है और उनके साथ एग्रीमेंट sign करती है, तो उसे Onshore Outsourcing कहते हैं। इसे को Domestic Outsourcing भी कहा जाता हैं।

    Nearshore Outsourcing – जब कोई कंपनी अपना काम पूरा करवाने के लिए अपने ही निकटतम की किसी कंपनी को hire करती है तो उसे Nearshore Outsourcing कहते हैं। मतलब अगर किसी एक शहर की कंपनी अपना कोई काम पूरा करवाने के लिए उसी शहर की कंपनी के साथ एग्रीमेंट करती है, तो इसे Nearshore Outsourcing कहते हैं।

    तो यह था BPO के बारे में। उम्मीद है की आपको समझ में आ गया होगा की BPO क्या होता है, और इसके कितने प्रकार होते है।

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