मध्यप्रदेश की दो प्रमुख महानगरों भोपाल और इंदौर में अब बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल या सीएनजी नहीं दी जाएगी। यह सख्त निर्णय 1 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा। आदेश भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जारी किया है।
इस आदेश के तहत जिले के सभी पेट्रोल और सीएनजी पंपों को निर्देशित किया गया है कि वे बिना हेलमेट पहने किसी भी बाइक या स्कूटर सवार को पेट्रोल या गैस न भरें।
अब बिना हेलमेट नहीं मिलेगी सरकारी कार्यालयों में भी एंट्री
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मुहिम को और सख्त बनाते हुए कलेक्टर को पत्र लिखकर सभी सरकारी दफ्तरों में भी हेलमेट अनिवार्य करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि बिना हेलमेट पहने किसी भी व्यक्ति को दफ्तरों में प्रवेश नहीं दिया जाए।
सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त
भोपाल में कुल 192 पेट्रोल पंप हैं जहां प्रतिदिन लगभग 21 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की खपत होती है। इसमें से 50% से अधिक खपत सिर्फ पेट्रोल की होती है। अब बिना हेलमेट के किसी को भी पेट्रोल नहीं मिलेगा।
यह आदेश मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 129 के अंतर्गत जारी किया गया है, जिसमें ISI मार्क हेलमेट पहनना अनिवार्य बताया गया है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि बिना हेलमेट वाहन चलाने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
इमरजेंसी को मिलेगी छूट
हालांकि, यह आदेश मेडिकल इमरजेंसी और आकस्मिक परिस्थितियों में लागू नहीं होगा। आदेश 1 अगस्त से प्रभावी रहेगा और 29 सितंबर 2025 तक लागू रहेगा।
आदेश का उल्लंघन तो होगी कार्रवाई
यदि कोई पेट्रोल पंप संचालक इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि डीलर्स एसोसिएशन ने सवाल उठाया है कि केवल पंप संचालक पर कार्रवाई क्यों? क्या बिना हेलमेट पेट्रोल लेने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं होगी?
सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति भी हुई सक्रिय
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने इंदौर में बैठक की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
- सभी सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जाए।
- शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
- लोक परिवहन के साधनों को बढ़ावा दिया जाए ताकि निजी वाहनों की भीड़ कम हो।
- लोगों को सीट बेल्ट और हेलमेट पहनने की आदत डाली जाए।
नागरिकों की सुरक्षा ही प्राथमिकता
यह कदम मध्यप्रदेश में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन अब चाहता है कि हेलमेट सिर्फ चालान से बचने का तरीका न रह जाए, बल्कि जीवन की रक्षा का हिस्सा बने।
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