अब तक दिल की बीमारियों के पीछे गलत खान-पान और तनाव को जिम्मेदार माना जाता रहा है, लेकिन अब एक वायरस भी इस खतरे का बड़ा कारण बन चुका है। ICMR और IIT इंदौर की नई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम काफी बढ़ गया है।
30 हजार से अधिक मरीज पहुंचे अस्पताल
भोपाल के अस्पतालों में जनवरी 2025 से अब तक लगभग तीस हज़ार मरीज सीने में दर्द, सांस की तकलीफ और हृदय गति की गड़बड़ी जैसी शिकायतों के साथ अस्पताल पहुंचे हैं। इसमें से बहुतो की मृत्यु भी हुई है। इन मरीज़ो में से एक बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की है, जो पहले कोविड-19 संक्रमित हो चुके हैं।
हृदय की झिल्ली हो रही कमजोर
हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव गुप्ता के अनुसार, “इस वायरस से हृदय की धमनियों की झिल्ली कमजोर हो जाती है। जब ये झिल्ली फटती है तो रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है और हृदय की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। यही वजह है कि इन मरीजों को अचानक हार्ट अटैक आ रहा है।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पुष्टि
यह दावा सिर्फ स्थानीय नहीं है। जर्नल ऑफ प्रोटिओम रिसर्च में प्रकाशित रिपोर्ट में भी स्पष्ट किया गया है कि कोविड संक्रमित लोगों में हृदय संबंधी जोखिम कई गुना बढ़ गया है। यह अध्ययन ICMR और IIT इंदौर के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि कोरोना संक्रमण ने शरीर के कई मेटाबॉलिक प्रक्रियाओं को प्रभावित किया है। यूरिया, अमीनो एसिड मेटाबॉलिज्म में रुकावट आई है और सीआरपी, यूरिया और डी-डाइमर जैसे ब्लड पैरामीटर्स भी असामान्य पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
कोविड से ठीक हो चुके लोग यदि छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी या धड़कन की अनियमितता महसूस करें, तो तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- नियमित जांच कराना जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले संक्रमित हो चुके हैं।
- स्वस्थ जीवनशैली, हल्का व्यायाम और संतुलित भोजन से खतरे को कम किया जा सकता है।
14 साल के छात्र की हार्ट अटैक से मौत, तेज सिरदर्द के बाद बिगड़ी तबीयत