मध्यप्रदेश की राजधानी में वर्षों से प्रतीक्षित भोपाल मेट्रो परियोजना (Bhoj Metro) अब अपनी अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है। इस परियोजना के अंतर्गत ब्लू लाइन (Blue Line) और ऑरेंज लाइन (Orange Line) पर कार्य लगातार प्रगति पर है, हालांकि कुछ हिस्सों में तय किये हुए समय से ज्यादा लग रहा है। लेकिन हाल ही में सफल ट्रायल रन और सुरक्षा परीक्षणों (RDSO द्वारा) के बाद अब इस अत्याधुनिक परिवहन व्यवस्था का कमर्शियल संचालन अक्टूबर-नवंबर 2025 में शुरू होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।

ब्लू लाइन, जो करोंद चौराहा से भोपल स्टेशन होते हुए अयोध्या नगर तक फैली है, इसमें कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इस लाइन पर अधिकांश स्टेशन निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है और रेल ट्रैक बिछाने का कार्य भी तेजी से जारी है। तकनीकी परीक्षण और सेफ्टी ऑडिट भी जल्द ही शुरू किए जाने की संभावना है।
वहीं दूसरी ओर, ऑरेंज लाइन जो सुभाष नगर से एम्स (AIIMS) तक प्रस्तावित है, उसके प्राथमिक खंड में कुछ तकनीकी एवं प्रशासनिक कारणों से देरी हो रही है। विशेषकर भूमि अधिग्रहण और उपयोगिता शिफ्टिंग के कारण इस खंड में अपेक्षित गति नहीं मिल पाई है।
ट्रायल रन और सेफ्टी टेस्टिंग सफल
भोपाल मेट्रो के पहले कॉरिडोर (सुभाष नगर से AIIMS तक) लगभग 7 किलोमीटर में दो मेट्रो ट्रेनें सफलतापूर्वक ट्रायल रन में शामिल रहीं। इस दौरान ट्रेन की औसत रफ्तार करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटा रही।
रेलवे डिज़ाइन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) द्वारा ऑस्सीलेशन ट्रायल, इमरजेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस (EBD) और अन्य तकनीकी परीक्षण सफल घोषित किए गए हैं।
अब परियोजना को CMRS (Commissioner of Metro Rail Safety) की मंजूरी का इंतजार है, जिसके बाद यात्रियों के लिए दरवाजे खुल सकते हैं।
स्मार्ट सिटी की दिशा में अहम कदम
भोपाल मेट्रो सिर्फ एक परिवहन प्रणाली नहीं, बल्कि राजधानी को स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल शहर में बदलने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।


