Bhopal News – प्रदेश में दवाओं पर फर्जी छूट का प्रचार अब मेडिकल स्टोर्स को भारी पड़ सकता है। फार्मेसी काउंसिल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर किसी मेडिकल स्टोर ने दवाओं पर छूट या ऑफर वाले बोर्ड लगाए, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन भी रद्द या निलंबित किया जा सकता है।
प्रदेशभर के मेडिकल स्टोर्स और फार्मासिस्टों को जारी चेतावनी में काउंसिल ने कहा है कि ग्राहकों को लुभाने के लिए छूट के झूठे दावों का चलन तेजी से बढ़ा है, जो फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 और प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 का उल्लंघन है। काउंसिल ने स्टोर संचालकों को 15 दिन में डिस्काउंट वाले बोर्ड हटाने के निर्देश दिए हैं।
फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संजय जैन और रजिस्ट्रार भाव्या त्रिपाठी ने कहा:
- बड़े कारोबारी आर्थिक ताकत के दम पर झूठे डिस्काउंट दिखा रहे हैं, जिससे छोटे दुकानदारों के सामने अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा खड़ी हो रही है। यह पूरी तरह से अवैध है।
नकली दवाओं की आशंका
भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ के अनुसार, भारी छूट की आड़ में कई बार नकली दवाएं भी बेची जाती रही हैं, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ती है। नए नियम से पारदर्शिता आएगी और आम लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
अन्य राज्यों की तर्ज पर MP में सख्ती
मध्यप्रदेश अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जहां फार्मेसी काउंसिल दवा दुकानों पर छूट वाले बोर्ड को लेकर कठोर कदम उठा रही है। इससे पहले महाराष्ट्र, पंजाब, गोवा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में भी ऐसे आदेश लागू हो चुके हैं।
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