भोपाल में प्रशासन ने ड्रग्स रैकेट से जुड़े कुख्यात ‘मछली परिवार’ पर बड़ी कार्रवाई की है। शहर के पॉश इलाके में बनी उनकी करीब 22 करोड़ रुपये की तीन मंजिला आलीशान कोठी को जमींदोज कर दिया गया। यह कार्रवाई न केवल ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ बड़ा संदेश है, बल्कि प्रशासन की मंशा भी दिखाती हैकि अब अवैध कमाई से खड़ी की गई संपत्तियां बचने वाली नहीं हैं।
कैसे गिरी मछली परिवार की अवैध कोठी?
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच इस कार्रवाई को अंजाम दिया। तीन मंजिला कोठी को ध्वस्त करने के लिए जेसीबी और पोकलेन मशीनें लगाई गईं।
- यह कोठी अवैध रूप से अर्जित धन से बनाई गई थी और लंबे समय से प्रशासन की नजर में थी।
- जांच में पाया गया कि ड्रग्स कारोबार से जुड़े ‘मछली परिवार’ ने इस कोठी को नशे के पैसों से खड़ा किया था।
- कई बार नोटिस जारी होने के बावजूद परिवार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद अंततः कार्रवाई की गई।
- ध्वस्तीकरण के दौरान इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति न बने।
ड्रग्स रैकेट और प्रशासन की सख्ती
मछली परिवार का नाम लंबे समय से भोपाल में ड्रग्स रैकेट से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने हाल ही में इस गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ भी जब्त किए थे। प्रशासन का मानना है कि ड्रग्स से होने वाली अवैध कमाई से आलीशान इमारतें और संपत्तियां खड़ी की जाती हैं, जो समाज के लिए गलत संदेश देती हैं।
- इस कार्रवाई से ड्रग्स माफिया को कड़ा संदेश गया है कि अब उनकी अवैध संपत्तियां सुरक्षित नहीं रहेंगी।
- समाज में भी यह संदेश गया कि नशे के कारोबार से कमाई गई दौलत टिकाऊ नहीं है।
- अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी माफियाओं की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चल सकता है।
भोपाल में ‘मछली परिवार’ की 22 करोड़ रुपये की कोठी को ध्वस्त करना प्रशासन की सख्त नीति और नशे के खिलाफ जारी जंग का प्रतीक है। यह कार्रवाई सिर्फ एक इमारत गिराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को संदेश देती है कि अपराध और नशे के कारोबार से अर्जित संपत्तियां कभी भी स्थायी नहीं होतीं।