भोपाल की अरेरा कॉलोनी में शराब दुकान खोले जाने को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध लगातार तेज हो गया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि मंदिर और आवासीय इलाके के पास शराब दुकान खोलना न सिर्फ धार्मिक आस्थाओं का अपमान है बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। लोगों ने सोमवार को ज़िला पंचायत (जिपं) CEO से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई की मांग की।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि जिस स्थान पर यह दुकान खोली जा रही है, वह मंदिर के ठीक सामने है। उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया – “अगर मंदिर अवैध नहीं है तो फिर उसके सामने शराब की दुकान कैसे वैध हो सकती है?”
अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप, मंदिर को बताया गया अवैध
लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम, आबकारी विभाग और प्रशासन को शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई के बजाय अफसरों ने उल्टा मंदिर को ही अवैध निर्माण बता दिया। इस रवैये से क्षेत्र के लोग आक्रोशित हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मंदिर वर्षों पुराना है और इलाके की पहचान है। इसे अवैध बताना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है।
उन्होंने जिला पंचायत CEO से कहा कि जब जनता का विरोध और शिकायतें स्पष्ट हैं, तब तक शराब दुकान पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द निर्णय नहीं लिया, तो वे सामूहिक रूप से धरना और सड़क जाम कर विरोध करेंगे।
प्रशासन सख्ती में, जांच के आदेश जारी
इस बीच, जिला पंचायत CEO ने लोगों की शिकायतें सुनने के बाद मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर और शराब दुकान के बीच की दूरी, वैधता और नियमों के उल्लंघन की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। प्रशासन का कहका है कि यदि दुकान नियमों के विरुद्ध पाई गई, तो उसे तुरंत बंद कराया जाएगा।
अरेरा कॉलोनी का यह मामला अब शहर भर में चर्चा का विषय बन गया है। एक ओर नागरिक धार्मिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन पर समय पर कार्रवाई न करने के आरोप लग रहे हैं। दीपावली के पहले ऐसे विवाद ने इलाके के माहौल को गर्मा दिया है, लेकिन लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही न्यायपूर्ण निर्णय लिया जाएगा और धार्मिक स्थल की गरिमा सुरक्षित रहेगी।



