
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली में एक बुजुर्ग व्यक्ति को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का बयान वॉट्सऐप स्टेटस पर लगाने के कारण गिरफ्तार किए जाने का मामला सामने आया है। घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है, जबकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई शिकायत के आधार पर की गई।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक, सिंगोली निवासी ख्वाजा हुसैन (62 वर्ष) पंक्चर की दुकान चलाते हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के बयान वाला पोस्ट अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर लगाया था। हुसैन का कहना है कि यह स्टेटस सिर्फ 9 लोगों ने देखा था कि तभी पुलिस उनकी दुकान पर पहुंची और उन्हें थाने ले गई। इसके बाद केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया
पवन खेड़ा का बयान
मामले की जानकारी दिल्ली तक पहुंची तो कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने स्थानीय नेताओं से बात कर हुसैन की जमानत कराई। खेड़ा ने कहा,
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार इतनी डरपोक है कि मेरी प्रेस वार्ता का हिस्सा शेयर करने पर एक निर्दोष व्यक्ति को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि वो मुस्लिम है। यह आरएसएस का असली चेहरा दिखाता है।
उमंग सिंघार का पलटवार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सोशल मीडिया पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,
सत्ता का दुरुपयोग कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने की कोशिश की जा रही है। लेकिन राहुल गांधी के सिपाही विचारधारा की लड़ाई लड़ते रहेंगे। असंवैधानिक कार्रवाई करने वाले अधिकारियों का भी हिसाब होगा।
हुसैन के आरोप
ख्वाजा हुसैन ने बताया कि पुलिस ने बिना कारण उनके मोबाइल की जब्ती दिखाई और थाने में अपमानजनक व्यवहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय टीआई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाता है और जबरदस्ती जमानत खारिज कराई।
क्या था विवादित स्टेटस
जिस बयान को लेकर विवाद हुआ, उसमें पवन खेड़ा ने आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा था –
इस संगठन में भेड़ की खाल में भेड़िए छिपे बैठे हैं। बाहर 100 साल का जश्न मनाया जा रहा है, लेकिन भीतर कुछ और ही चल रहा है।
कांग्रेस ने घटना को बताया लोकतंत्र पर हमला
कांग्रेस जिलाध्यक्ष तरुण बाहेती और कार्यकर्ता पंकज तिवारी ने हुसैन की जमानत में मदद की। पार्टी का कहना है कि पुलिस का यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और यह सरकार की असहिष्णुता दर्शाता है।



