मध्यप्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर को अगले 15 वर्षों में विकसित महानगरों के रूप में स्थापित करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। यह योजना विकसित मध्यप्रदेश @2047 विजन के अंतर्गत लागू की जा रही है, जिसमें आधारभूत संरचना, स्मार्ट शहर सुविधाएं, सार्वजनिक परिवहन, रोजगार, और हरित विकास पर विशेष जोर दिया गया है।

मेट्रोपोलिटन क्षेत्र का विकास
भोपाल और इंदौर के आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर मेट्रोपोलिटन क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। भोपाल को राइसेन, विदिशा, सेहोर और राजगढ़ से जोड़कर भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन बनाया जाएगा, जबकि इंदौर के साथ देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल कर ‘अवन्तिका मेट्रोपोलिटन क्षेत्र’ का विकास होगा। इसके लिए मेट्रोपोलिटन क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 विधानसभा में पारित हो चुका है।
आधुनिक सार्वजनिक परिवहन
भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट तेजी से कार्यान्वित हो रहा है। इंदौर मेट्रो की येलो लाइन चालू हो चुकी है और भोपाल मेट्रो अगले चरण में जनता के लिए खोली जाएगी। इसके साथ ही ई-बसें, साइकिल ट्रैक, और चार्जिंग स्टेशनों का भी तेजी से विकास किया जा रहा है।
सड़क और लॉजिस्टिक हब
राज्य सरकार द्वारा हाईवे, रिंग रोड, और मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (पिथमपुर) जैसे प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जो औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देंगे और इंदौर को लॉजिस्टिक्स हब में बदलेंगे। भोपाल के लिए स्मार्ट रोड नेटवर्क का निर्माण चल रहा है।
हरित और स्वच्छ शहर की दिशा में कदम
सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और मुख्यमंत्री नगरीय विकास योजना के तहत 5000 करोड़ रूपए से अधिक की योजनाएं लागू की हैं, जिसमें कचरा प्रबंधन, सीवरेज लाइन, हरित क्षेत्र, और जल प्रबंधन शामिल हैं।
डिजिटल और आवासीय परिवर्तन
स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत वाई-फाई ज़ोन, स्मार्ट लाइटिंग, कैमरा निगरानी, और ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही, मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लिए आवास योजनाएं भी लागू की गई हैं।
स्मार्ट मीटर लगाने पर कोई रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश की अफवाहें निराधार


