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    मृत बच्ची के डीएनए टेस्ट का दबाव, घरेलू हिंसा पर कोर्ट ने पुलिस को दिए निर्देश

    एक विवाहित महिला ने इंदौर जिला कोर्ट में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करने की मांग की, उन्होंने यह आरोप लगाए है की शादी के बाद से ही उसकी सास ने उसकी वर्जिनिटी पर सवाल उठाए। महिला ने बताया कि शादी की पहली रात सफेद चादर पर खून न होने के कारण उसे ताने दिए गए थे।

    महिला ने आरोप लगाया कि तीसरी बार बच्ची को जन्म देने के बाद उसे ससुराल से निकाल दिया गया, क्योंकि सास और पति बेटे की चाहत रखते थे। एक दिन सास ने महिला को देवर के साथ इंदौर भेज दिया, और तब से ससुराल पक्ष ने उसे और उसकी बच्ची को नहीं लिया। महिला ने इंदौर जिला कोर्ट की शरण ली, जहां कोर्ट ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

    एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि महिला और बाल विकास विभाग से भी इस मामले पर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी, जो कोर्ट में प्रस्तुत की गई। महिला की शादी पांच साल पहले भोपाल में हुई थी, और उसके मायके का स्थान इंदौर है।

    महिला ने बताया कि शादी के बाद सास ने उसकी वर्जिनिटी पर सवाल उठाए और उसे लगातार ताने दिए गए। साथ ही, महिला के साथ मारपीट भी की गई। एक बार तो मानसिक तनाव के कारण महिला का गर्भपात भी हो गया। इसके बाद जब उसने मृत बच्ची को जन्म दिया, तो ससुराल वालों ने बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने का दबाव डाला।

    आखिरकार, जब महिला ने तीसरी बार बच्ची को जन्म दिया और उसे घर से निकाल दिया गया, तो उसने कोर्ट का रुख किया। महिला ने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष के लोग एक बेटे की उम्मीद करते थे और उसे इसी कारण तंग करते रहे।

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