मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना ने हाल ही में खाद की कमी के मुद्दे पर एक ऐसा बयान दिया है जो प्रदेश में चर्चा का केंद्र बन गया है। मंत्री ने कहा कि खाद की आपूर्ति का कार्य उनके विभाग का नहीं, बल्कि सहकारिता विभाग का है।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “यदि कहीं कमी है, तो मुझे बताएं, मैं वहां खाद भिजवाऊंगा।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि खाद वितरण सहकारिता विभाग का दायित्व है। मंत्री ने किसानों की बढ़ती भीड़ के सवाल पर कहा कि अक्सर लोग एक दुकान से खाद न मिलने पर दूसरी दुकान पर चले जाते हैं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि प्रदेश में पर्याप्त खाद उपलब्ध है।
विपक्ष का निशाना:
कृषि मंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि यदि मंत्री किसानों की समस्याओं को समझने में असमर्थ हैं, तो उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने मंत्री के बयान को किसानों के प्रति लापरवाही का परिचायक बताते हुए कहा, “हर जिले से खाद की कमी की शिकायतें आ रही हैं, लेकिन मंत्री इस समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं।”
नेता सिंघार ने यह भी सुझाव दिया कि यदि खाद की आपूर्ति पूरी हो चुकी है, तो सरकार को एक आधिकारिक बुलेटिन जारी कर किसानों को सही जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जैसे रामनिवास रावत अपने निवास चले गए, वैसे ही ऐदल सिंह कंसाना को भी अपना इस्तीफा सौंप देना चाहिए।
मंत्री के ऐसे बयान के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है। जहां एक तरफ सरकार खाद की पर्याप्तता का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे प्रशासनिक विफलता मान रहा है। इस मुद्दे पर किसान और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आने वाले समय में और गहराएगी।