More
    spot_img
    होमUseful Informationजानिए मध्य प्रदेश के 11 नेशनल पार्को के बारे में, जाना आप...

    जानिए मध्य प्रदेश के 11 नेशनल पार्को के बारे में, जाना आप मना सकते है छुटिटयां

    क्या आप अपने परिवार के साथ पिकनिक पर जाने की सोच रहे हैं? लेकिन क्या आप मध्य प्रदेश में उन खूबसूरत स्थानों के बारे में जानते हैं, जहाँ आप अपने दोस्तों या परिवार वालो के साथ सुकून भरा समय बिता सकते हैं? यदि नहीं, तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। यहाँ हम आपको मध्य प्रदेश के प्रमुख और आकर्षक नेशनल पार्क के बारे में बताएंगे। तो इस लेख को अंत तक पढ़ें और जानें मध्य प्रदेश के फेमस पार्कों के बारे में।

    मध्य प्रदेश के 11 नेशनल पार्क:

    मध्य प्रदेश में कुल 11 नेशनल पार्क स्थित हैं। आइए जानते हैं इन खूबसूरत पार्कों के बारे में विस्तार से:

    कान्हा नेशनल पार्क

    कान्हा नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है और यह मड़ला और बालाघाट के बीच स्थित है। यह पार्क 940 वर्ग किमी में फैला है। 1955 में स्थापित, यह प्रोजेक्ट टाइगर के सबसे पहले पार्कों में से एक है और अपने समृद्ध वन्यजीवन के लिए प्रसिद्ध है। इस पार्क में बारहसिंगा की दुर्लभ प्रजाति को विलुप्ति से बचाया गया है, और यह “टाइगरलैंड” के नाम से भी मशहूर है। बंजार और हालोन नदियों के किनारे बसे इस पार्क में बाइसन, जंगली कुत्ते और हिरण के झुंड आसानी से देखे जा सकते हैं।

    कुनो नेशनल पार्क

    404 वर्ग किमी में फैला कुनो नेशनल पार्क, मध्य भारत की विंध्य पहाड़ियों का गहना है। श्योपुर जिले में स्थित यह पार्क कुनो नदी के नाम पर रखा गया है, जो इसके बीच से बहती है। इस पार्क में मध्य प्रदेश सरकार के चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत, यहाँ 75 वर्षों में पहली बार 4 चीता शावकों का जन्म हुआ। अगर आप कुनो में घूमने की योजना बना रहे हैं तो कुनो जंगल रिज़ॉर्ट में ठहर सकते हैं, जो वन्यजीव अभयारण्य के करीब है।

    पन्ना नेशनल पार्क

    पन्ना और छतरपुर जिलों में फैले पन्ना नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 542.67 वर्ग किमी है और यह गिद्धों की सात विलुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। एक समय पर यहाँ बाघ विलुप्त होने की कगार पर थे, लेकिन अन्य टाइगर रिजर्व से बाघों को यहाँ पुनर्स्थापित करके उन्हें फिर से इस क्षेत्र में बसाया गया। पन्ना के आसपास कई घूमने वाले स्थान भी है जैसे प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर समूह, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह स्थल पार्क से मात्र 25 किमी की दूरी पर है। पांडव फॉल्स और रनेह फॉल्स यहाँ से 50 किमी के दायरे में हैं। इसके अलावा, पार्क से बहने वाली केन नदी में बोट राइड भी आनंद भी ले सकते है।

    सतपुड़ा नेशनल पार्क

    नर्मदापुरम जिले में स्थित सतपुड़ा नेशनल पार्क 524 वर्ग किमी में फैला है और अपनी जैव विविधता और विविध भू-आकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पहाड़ियाँ, घाटियाँ, गहरे खड्ड, और जल निकाय शामिल हैं, जो बाघ, भारतीय भालू और मालाबार गिलहरी के लिए महत्वपूर्ण आवास हैं। विशेष रूप से सतपुड़ा की पहाड़ियों में पाई जाने वाली विशाल गिलहरी 6 मीटर की ऊँचाई तक छलांग लगा सकती है।

    इसके साथ ही इस पार्क में कई इको-टूरिज्म गतिविधियाँ भी मौजूद हैं, जिनमें जंगल सफारी, ट्रेकिंग, बर्डवॉचिंग, फॉर्सिथ ट्रेल (जिसे ब्रिटिश सेना के कैप्टन जेम्स फॉर्सिथ ने 1857 में खोजा था) और कैम्पिंग शामिल हैं।

    बांधवगढ़ नेशनल पार्क

    उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपने अद्वितीय ऐतिहासिक महत्व और रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे देश के प्रमुख टाइगर सफारी स्थलों में से एक बनाता है। यह रिजर्व तीन जोन में बँटा है – ताला, मगधी, और खितौली, जिनमें से ताला सबसे लोकप्रिय है। ताला सफारी के दौरान, पर्यटक प्राचीन किले के अवशेष, अद्भुत प्राकृतिक दृश्य, और वन्यजीवों को देख सकते हैं। यहाँ शेष शैया पर लेटे हुए भगवान विष्णु की प्रतिमा भी देखने लायक है।

    संजय नेशनल पार्क

    सीधी जिले में स्थित संजय दुबरी नेशनल पार्क 831 वर्ग किमी में फैला है और यह एक खूबसूरत वन्यजीव अभयारण्य है। यह नेशनल पार्क अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहाँ दुर्लभ प्रजाति के सफेद पीठ वाले गिद्ध भी देखे जा सकते हैं।

    माधव नेशनल पार्क

    मध्य प्रदेश के शिवपुरी के पास स्थित माधव नेशनल पार्क लगभग 354 वर्ग किमी में फैला है और राज्य के प्रमुख नेशनल पार्कों में गिना जाता है। इसकी खासियत साख्या सागर और माधव सागर नाम की 2 झीले है, जो महारानी साख्या राजे सिंधिया और माधव राव सिंधिया के नाम पर हैं। यह झीलें मगरमच्छ देखने, बोटिंग और बर्डवॉचिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।

    पेंच नेशनल पार्क

    पेंच नेशनल पार्क को दुनियाभर में रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध पुस्तक *जंगल बुक* के प्रेरणा स्रोत के रूप में पहचाना जाता है। यह पार्क मध्य भारत में हरियाली से भरपूर मैदानों के बीच स्थित है। इसका नाम पेंच नदी पर पड़ा है, जो पार्क से होकर बहती है और इसका क्षेत्रफल 758 वर्ग किमी में फैला है। इस पार्क में काले तेंदुए, सामान्य तेंदुए, जंगली कुत्ते, विभिन्न प्रकार के हिरण, बंदर और पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।

    यह पार्क प्रसिद्ध “कालरवाली बाघिन” का घर भी है, जिसने अपने जीवनकाल में 29 शावकों को जन्म देकर “सुपरमॉम” का खिताब प्राप्त किया।

    वनविहार नेशनल पार्क

    भोपाल में स्थित वन विहार एक राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित क्षेत्र है, जो 4.45 वर्ग किमी में फैला हुआ है। यह प्रकृति प्रेमियों, पक्षी दर्शकों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

    घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क

    घुघवा नेशनल पार्क को पूरे राज्य में सबसे छोटा नेशनल पार्क माना जा सकता है। इस पार्क में वनस्पतियों के ऐसे अमूल्य जीवाश्म संग्रह हैं, जो लगभग 40 मिलियन से 150 मिलियन वर्ष पहले भारत में पाए जाते थे। इस क्षेत्र को 1983 में घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क के रूप में घोषित किया गया था और यह लगभग 75 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।

    डायनो एडवेंचर पार्क

    यह एडवेंचर पार्क मांडू से लगभग 4 किमी पहले स्थित है। जो आगंतुकों को इतिहास में पीछे जाकर डायनासोर की दुनिया को देखने का अवसर देता है। इस पार्क में डायनासोर के अंडों और लकड़ी के जीवाश्म सहित कई प्रकार के जीवाश्मों का संग्रह है।

    इन पार्कों में आप अपने परिवार के साथ जाकर छुट्टिया मना सकते है।

    हमारे 'आप भी बने पत्रकार' अभियान से जुड़ें और आज ही नागरिक पत्रकार बनें! अपनी कहानियाँ और विचार भग्यविधाता के साथ साझा करें और अपनी खबरें हमारी पत्रिका और ऑनलाइन वेबसाइट में प्रकाशित होते देखें। आपकी खबर भेजने के लिए यहाँ क्लिक करे!

    RELATED ARTICLES

    कोई जवाब दें

    कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
    कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

    WhatsApp पर जुड़े

    ताज़ा और एक्सक्लूसिव हॉट अपडेट्स के लिए हमारे WhatsApp ग्रुप में शामिल हों!

    यह खबरें भी पढ़ें

    लोकल खबरे