शहडोल के प्रसिद्ध विराटेश्वर मंदिर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सुरक्षा कारणों से ताला लगा दिया है, जिससे श्रद्धालुओं में काफी नाराज़गी है। पढ़े पूरी खबर।
Shahdol News: शहडोल के विराटेश्वर मंदिर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मंदिर की दीवारें जर्जर हो जाने के कारण मंदिर में ताला लगा दिया है। इससे मंदिर में दर्शन करने आये एवं आस पास के लोगो में नाराजगी है, क्योंकि बिना पूर्व सूचना के मंदिर बंद कर दिया गया। ASI के इस कदम से हिंदूवादी संगठनों ने इस फैसले का विरोध किया है और आंदोलन की चेतावनी दी है।
मंदिर की ऐतिहासिक महत्ता:
विराटेश्वर मंदिर का निर्माण कलचुरी राजा युवराज देव द्वितीय ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे खजुराहो के शिव मंदिर के समान स्थापत्य शैली में बनाया गया है। मंदिर की ऊंचाई लगभग 70 फीट है और यह गोलकाकी मठ के आचार्य को भेंट स्वरूप निर्मित किया गया था।
इस मंदिर के गर्भगृह में एक छोटा शिवलिंग स्थित है, जिसे सदियों से स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र माना जाता है।
इस कारण मंदिर में डाला है ताला:
प्राप्त खबरों के अनुसार मंदिर की दीवारों का एक हिस्सा जर्जर हो गया है, जिसके चलते सुरक्षा के लिए गर्भगृह में ताला लगाया गया है। विशेषज्ञों द्वारा जल्द ही सर्वेक्षण किया जाएगा और आवश्यक मरम्मत कार्य के बाद मंदिर पुनः खोला जाएगा। हालांकि, पुजारियों को पूजा के लिए सुबह गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। मंदिर बंद किए जाने पर श्रद्धालुओं और कई हिन्दू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को ASI के संरक्षण में रखा गया है, और जल्द ही मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद इसे फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।
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