यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है। प्रस्तावित आउटर रिंग रोड के लिए किए जा रहे भूमि सर्वेक्षण का किसानों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। जैसे ही सर्वे टीम खेतों में पहुंची, किसानों ने उनका रास्ता रोक दिया और सर्वे करने नहीं दिया। विरोध इतना जोरदार हो गया कि टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा।
भूमि सर्वेक्षण का विरोध
सरकार ने इंदौर में आउटर रिंग रोड निर्माण को मंजूरी दी है, जिसमें पश्चिमी रिंग रोड भी शामिल है। यह सड़क पीथमपुर से शुरू होकर एबी रोड, धार रोड और उज्जैन रोड को पार करते हुए शिप्रा के पास दोबारा एबी रोड से जुड़ेगी। इसके निर्माण का कार्य NHAI के तहत होगा और इसी के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले सर्वेक्षण किया जा रहा है।
लेकिन किसानों ने इस सर्वे का जमकर विरोध किया। और जैसे ही नेशनल हाईवे की टीम गांवों में सर्वे के लिए पहुंची, बड़ी संख्या में किसान एकजुट होकर उनका रास्ता रोकने लगे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए टीम को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
अधिकारियों को किसानों ने खदेड़ा
पिछले दो दिनों से सर्वे टीम अलग-अलग गांवों में पहुंच रही थी, लेकिन हर बार किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा।
- बेटमा तहसील के मोहना, किशनपुरा और मांगलिया गांवों में जब टीम सर्वे करने गई, तो किसानों ने घेराव कर सर्वे रोक दिया।
- विरोध के चलते टीम को बिना सर्वे किए वापस लौटना पड़ा।
- इस दौरान देपालपुर के एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार पूजा सिंह चौहान, राजस्व निरीक्षक अमिताभ पारे, पुलिस और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन किसानों का गुस्सा देखते हुए वे भी कुछ नहीं कर पाए।
किसान संघ ने भी खोला मोर्चा
इस आंदोलन को अब भारतीय किसान संघ का समर्थन भी मिल गया है। किसान संघ से जुड़े किसानों ने सर्वे का विरोध करते हुए प्रशासन को स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, वे जमीन नहीं देंगे।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही इस परियोजना का हवाई सर्वेक्षण कर चुके हैं।
- सर्वे में देरी पर उन्होंने नाराजगी जताई थी और अधिकारियों को प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए थे।
- लेकिन किसानों के विरोध के चलते प्रशासन अब भी सर्वे पूरा करने में असफल नजर आ रहा है।
चार गुना मुआवज़े की मांग
किसानों का कहना है कि सरकार उनकी जमीन लेना चाहती है, तो उन्हें बाजार भाव से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाए।
- अब तक सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की।
- जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे किसी भी हालत में सर्वे नहीं होने देंगे।
अब आगे क्या?
आउटर रिंग रोड परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन को अब इस मसले पर समाधान निकालना होगा, वरना यह परियोजना लंबे समय तक अटकी रह सकती है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे सड़क निर्माण का समर्थन नहीं करेंगे।
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