छत्तीसगढ़ में खोजी पत्रकारिता के लिए जाने जाने वाले मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले ने पुरे देश हिला रखा है। मुकेश चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ में सड़क निर्माण घोटाले को उजागर किया था। इस खुलासे के बाद राज्य सरकार ने जांच शुरू की थी। इस घटना के बाद 1 जनवरी से मुकेश का फोन बंद था जिसके दो दिन बाद उनका शव ठेकेदार सुरेश की प्रॉपर्टी के सेप्टिक टैंक में मिला। पढ़े पूरी खबर नीचे।
भ्रष्टाचार का पर्दाफाश और हत्या:
मुकेश चंद्राकर ने बस्तर क्षेत्र में गंगालूर से हिरोली तक सड़क निर्माण घोटाले में 50 करोड़ के टेंडर को बढ़ाकर 120 करोड़ किए जाने की रिपोर्ट दी थी। इस खुलासे के बाद राज्य सरकार ने जांच शुरू की, जिससे ठेकेदार लॉबी में खलबली मच गई। 1 जनवरी की रात मुकेश के चचेरे भाई रितेश ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की मुकेश से मीटिंग तय की थी। मीटिंग के बाद मुकेश का फोन बंद हो गया और वह लापता हो गए। दो दिन बाद उनका शव सुरेश की प्रॉपर्टी के सेप्टिक टैंक में मिला।
अभी इस मामले में नया मोड़ आ चुका है। पुलिस ने उनके चचेरे भाई रितेश चंद्राकर को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है।
मुकेश की पत्रकारिता यात्रा:
2012 में पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले मुकेश ने अपने यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ के जरिए स्थानीय मुद्दों को उजागर किया करते थे। उनके 1.59 लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे। उनकी निर्भीक रिपोर्टिंग ने उन्हें जनता के बीच खास पहचान दिलाई।
प्रशासन की कार्रवाई:
ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ प्रशासन ने बुलडोजर एक्शन लिया है। उनके अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करते हुए तीन बैंक खातों को सील कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जो हर पहलू की गहन जांच कर रही है।
प्रियंका गांधी ने हत्या की निंदा करते हुए राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आरोप लगाया कि हत्या में शामिल मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर कांग्रेस से जुड़ा हुआ है।
पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल:
यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। मुकेश चंद्राकर की हत्या ने यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना आज भी जोखिम भरा हो सकता है।
सरकार और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे इस हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाएं और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।