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    MPPSC फिर घेरे में: दिव्यांग कोटे से बनी अधिकारी, लेकिन डांस कैसे? वायरल वीडियो से उठे सवाल

    मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की 2022 भर्ती को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दिव्यांग कोटे से चयनित प्रियंका कदम के डांस वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) ने इस भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

    डांस वीडियो से मचा बवाल:

    प्रियंका कदम, जो वर्तमान में जिला आबकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, वह अस्थिबाधित दिव्यांग कोटे और EWS कोटे से चयनित हुई थीं। लेकिन उनके डांस और दौड़ने के वीडियो सामने आने के बाद लोगों में नाराजगी फैल गई है। इन वीडियो में वे न केवल ढोल की थाप पर झूमती नजर आ रही हैं, बल्कि DJ फ्लोर पर थिरकते और दौड़ते हुए भी देखी जा सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि वे दिव्यांग हैं, तो इतनी आसानी से यह सब कैसे कर सकती हैं?

    प्रियंका कदम का जवाब

    विवाद बढ़ने के बाद प्रियंका कदम ने अपनी एक्स-रे रिपोर्ट सार्वजनिक की और बताया कि उनके दोनों पैरों की हड्डी खराब हो चुकी थी, जिसके बाद सर्जरी कर उनमें रॉड डाली गई है। उन्होंने कहा कि “दिव्यांग होने का अर्थ यह नहीं कि मैं हमेशा व्हीलचेयर पर रहूं। मैं पेनकिलर लेकर डांस करती हूं, क्योंकि मुझे डांस का शौक है।”

    प्रियंका ने यह भी कहा की, “समाज में दिव्यांगों को लेकर एक रूढ़िवादी मानसिकता है। लोग मानते हैं कि जो व्यक्ति दिव्यांग है, वह कभी सामान्य गतिविधियां नहीं कर सकता। लेकिन ऐसा नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि “पहले मैं वॉकर का सहारा लेती थी, फिर स्टिक का उपयोग किया, और अब धीरे-धीरे सहारे से चलती हूं।”

    संगठन का दावा

    नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के राधे जाट ने कहा कि प्रियंका कदम अकेली नहीं हैं। उनके अनुसार, MPPSC की इस भर्ती में और भी कई ऐसे उम्मीदवार शामिल हैं, जिन्होंने दिव्यांग कोटे का गलत तरीके से लाभ उठाया। संगठन ने मांग की है कि इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच हो, ताकि असली हकदारों को उनका अधिकार मिल सके।

    क्या MPPSC की भर्ती पारदर्शी थी? उठ रहे हैं सवाल

    इस विवाद के बाद MPPSC की भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी या इसमें हेरफेर हुआ? क्या प्रियंका कदम सही मायने में दिव्यांग कोटे की हकदार थीं? इन सवालों के जवाब अब पुलिस और प्रशासन की जांच से ही सामने आएंगे। फिलहाल, पूरे मामले ने MPPSC भर्ती प्रणाली पर संदेह खड़ा कर दिया है, और अब सभी की नजरें आगे की जांच पर टिकी हैं।

    Tags : MPPSC Controversy News.

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