इंदौर की बीपीओ कंपनी टास्कस ने बुधवार रात 300 से अधिक कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया, जिससे हड़कंप मच गया। कंपनी ने प्रोजेक्ट बंद होने और फर्जीवाड़े की जांच का हवाला देकर यह कदम उठाया। कर्मचारियों ने इसका विरोध करते हुए कंपनी के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि निर्दोष होते हुए भी उन्हें सजा दी जा रही है। उनका आरोप है कि कंपनी नियमों की आड़ में प्रोजेक्ट खत्म होने पर सैकड़ों कर्मचारियों को मात्र 13 दिनों के नोटिस पर नौकरी से निकाल देती है, जबकि 90 दिनों का नोटिस देना चाहिए।
इस बार भी प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े का बहाना बनाकर कार्रवाई की गई। विरोध बढ़ने पर कंपनी ने पुलिस को बुलाकर प्रदर्शनकारियों को परिसर से बाहर करवा दिया।
इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं साझा करते हुए बताया कि अचानक नौकरी छिन जाने से उनके परिवार गंभीर संकट में आ गए हैं। किसी ने ईएमआई और पारिवारिक खर्चों का हवाला दिया तो किसी ने आत्महत्या तक का जिक्र किया।
कंपनी ने दो कर्मचारियों पर बिटकॉइन प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है, जिससे पूरे प्रोजेक्ट पर संकट आ गया। इस मामले में कर्मचारियों का कहना है कि वह निर्दोष हैं, लेकिन फिर भी उन्हें जबरन नौकरी से निकाला गया है। कंपनी ने सभी से उनके पहचान पत्र और अन्य सामान जमा करने को कहा है और दावा किया है कि यह कार्रवाई नियमों और एग्रीमेंट के तहत की गई है।