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    किसी का लोन गारंटर बनने से पहले जान लें यह शॉकिंग फैक्ट्स, वरना बैंक आपके पीछे पड़ेगा!

    अगर बैंक से कोई लोन लेना चाहता है तो उसे बैंक में गारंटर की आवश्यकता होती है। लोन गारंटर वह व्यक्ति होता है जो लोन लेने वाले व्यक्ति के भुगतान की गारंटी देता है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति अपनी किस्तें चुकाने में असमर्थ रहता है, तो यह जिम्मेदारी गारंटर पर आ जाती है। इसलिए, किसी का लोन गारंटर बनने से पहले कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को समझना बेहद जरूरी है।

    लोन गारंटर बनने का मतलब:

    लोन गारंटर बनने का मतलब है कि आप लोन लेने वाले व्यक्ति के कर्ज का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए गारंटी दे रहे हैं। यदि वह व्यक्ति लोन चुकाने में असफल रहता है, तो:

    1. आपको कर्ज चुकाना पड़ेगा : लोन की वसूली के लिए बैंक आपसे संपर्क करेगा।
    2. क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव पड़ेगा : लोन चुकाने की जिम्मेदारी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकती है।
    3. लायबिलिटी जुड़ जाएगी : गारंटर बनने के बाद वह लोन आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लायबिलिटी के रूप में जुड़ जाएगा।
    4. गारंटर बनने से मुक्त होना कठिन : एक बार गारंटर बनने के बाद, इससे बाहर निकलने के लिए लोन लेने वाले व्यक्ति और बैंक से अनुमति लेनी होती है।

    कब पड़ती है लोन गारंटर की जरूरत:

    लोन गारंटर की जरूरत आमतौर पर इन स्थितियों में होती है:

    • ज्यादा लोन राशि : बड़े लोन के लिए गारंटी की आवश्यकता होती है।
    • कम क्रेडिट स्कोर : अगर लोन लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कम है।
    • डिफॉल्ट का जोखिम : बैंक को लोन चुकाने में असमर्थता का खतरा दिखता है।
    • दस्तावेजों की कमी : अगर लोन लेने वाले के दस्तावेज अधूरे या असंतोषजनक हैं।

    लोन गारंटर बनने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:

    • लोन लेने वाले की वित्तीय स्थिति समझें – लोन लेने वाले व्यक्ति की आय, खर्च और क्रेडिट स्कोर की जानकारी लें।
    • लोन का इन्शुरन्स करवाए – लोन लेने वाले व्यक्ति और लोन का इन्शुरन्स जरूर करवाए, क्योकि अगर लोन की अवधी में लोन लेने वाले को कुछ हो जाता है तो इन्शुरन्स की तरफ से लोन भरा जायेगा।
    • लोन के नियम और शर्तें पढ़ें – लोन की अवधि, ब्याज दर और अन्य शर्तों को अच्छी तरह समझ लें।
    • भविष्य के जोखिम को समझें – यह सुनिश्चित करें कि अगर लोन लेने वाला डिफॉल्ट करता है, तो क्या आप उस लोन को चुकाने की स्थिति में हैं।
    • क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव – यह जान लें कि गारंटर बनने से आपके खुद के वित्तीय लेनदेन पर असर पड़ सकता है।

    लोन गारंटर बनना सही है या नहीं?

    किसी का लोन गारंटर बनने का निर्णय पूरी तरह आपकी वित्तीय स्थिति, लोन लेने वाले की विश्वसनीयता और भविष्य में आने वाले जोखिमों पर निर्भर करता है।

    • यदि लोन लेने वाला व्यक्ति आर्थिक रूप से स्थिर है और भरोसेमंद है, तो गारंटर बनना सुरक्षित हो सकता है।
    • लेकिन, अगर आपको लोन चुकाने वाले की क्षमता पर संदेह है, तो गारंटर बनने से बचना चाहिए।

    लोन गारंटर बनना एक बड़ा निर्णय है, जो आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, गारंटर बनने से पहले सभी पहलुओं को ध्यान से समझें और सुनिश्चित करें कि आप लोन लेने वाले व्यक्ति की स्थिति से भली-भांति अवगत हैं।

    Tags:  loan guarantor Responsibilities, लोन गारंटर नियम, क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव, वित्तीय जोखिम, लोन गारंटी,

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