उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पॉक्सो एक्ट के तहत सजा काट रहे 50 वर्षीय कैदी राम मूरत की मौत हार्ट अटैक से हो गई। शुक्रवार शाम हुए पोस्टमॉर्टम में इस बात की पुष्टि की गई। कैदी के बेटों के मुंबई से वापस आने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जायेगा।
कादीपुर के राईबीगो गांव निवासी राम मूरत के खिलाफ 2019 में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने 6 दिसंबर 2023 को उसे 7 साल की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिसके बाद गुरुवार शाम लगभग 5 बजे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उसे तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार ने लगाए आरोप:
राम मूरत की पत्नी सुनीता ने अपने पति की मौत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला ने उनकी सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उनके पति को फंसाया। सुनीता ने यह भी दावा किया कि सुलह कराने के नाम पर उनसे डेढ़ लाख रुपये लिए गए, लेकिन बाद में कोई समझौता नहीं हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति को “जहर की सुई” देकर मारा गया है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।
राम मूरत के तीन बेटे हैं। सबसे बड़ा बेटा राजकुमार (23) और दूसरा बेटा राजबहादुर (19) मुंबई में काम करते हैं, जबकि सबसे छोटा बेटा राजभवन (12) घर पर रहता है। उनके आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।