मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामलों पर कार्रवाई लगातार जारी है। इसके बावजूद भी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी सुधरते नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला इंदौर जिले से सामने आया है, जहां श्रम संगठन कार्यालय के प्रशासक को 20,000 की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा।
केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले श्रम संगठन कार्यालय में कल्याण प्रशासक के रूप में कार्यरत विजेंद्र कुमार गुप्ता ने अपने ही कार्यालय के कर्मचारी राजकुमार काले से रिश्वत मांगी थी। राजकुमार काले, जो मल्टी-टास्किंग स्टाफ के पद पर कार्यरत हैं, उनको 36,000 का एरियर मिलना था। लेकिन गुप्ता ने इस राशि की निकासी के बदले 20,000 रूपए रिश्वत की मांग की।
राजकुमार काले ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत इंदौर लोकायुक्त से की। लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की और उसे सही पाया। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने एक योजना बनाई और काले को रिश्वत की रकम लेकर गुप्ता के पास भेजा।
जैसे ही गुप्ता ने 20,000 की रिश्वत ली, लोकायुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई कर उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। ऑफिस में रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद गुप्ता का चेहरा उतर गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।