खरगोन जिले के निजी नर्सिंग होम विराज अस्पताल, में एक बच्ची के इलाज को लेकर परिजनों ने हंगामा किया। झिरन्या तहसील की दो वर्षीय बच्ची, जो पिछले दो महीने से अस्पताल में भर्ती है, उसकी हालत में सुधार न होने पर परिजनों और समाज के लोगो ने ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। विवाद को देखते हुए पुलिस ने मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत कराया।
दो महीने में हो चुके चार ऑपरेशन:
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बुडकी गांव निवासी नानसिंह मुजाल्दे की दो साल की बेटी वंशिका दो महीने पहले सीढ़ियों से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सिर में चोट की वजह से बच्ची को बेहोशी की हालत में विराज अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने खून का थक्का जमने की वजह से ऑपरेशन किया।
अस्पताल के डॉक्टर चिन्मय भालके ने बताया कि बच्ची के अब तक चार ऑपरेशन किए जा चुके हैं, जिनमें से दो ऑपरेशनों का खर्च अस्पताल ने खुद उठाया है। और डॉक्टर ने यह भी बोला की बच्ची की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। वह अब खाना खा रही है और परिजनों को पहचानने लगी है।
डॉ. भालके ने बताया कि बच्ची के सिर के घाव को ठीक करने के लिए प्लास्टिक सर्जन की जरूरत है, जो खरगोन में उपलब्ध नहीं है। इसलिए डॉक्टरों द्वारा परिजनों को इंदौर जाकर इलाज कराने की सलाह दी गई है।
डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप:
वंशिका के पिता नानसिंह ने बताया की बच्ची के इलाज के लिए उन्होंने अपनी 6 एकड़ जमीन गिरवी रखकर 5 लाख रुपये जुटाए, जो अब पूरी तरह से खर्च हो चुके हैं। उनका आरोप है कि इतने खर्च और चार ऑपरेशनों के बाद भी बच्ची के सिर का घाव ठीक नहीं हुआ है और डॉक्टर अब इलाज जारी रखने से मना कर रहे हैं।
बच्ची के परिजन करन चौहान के मुताबिक अभी तक हमने 5 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्ची के चार ऑपरेशन हुए। अब वह बच्ची को इंदौर या घर ले जाने को कह रहे है। हमारी मांग है कि या तो बच्ची का इलाज यहीं पूरा किया जाए या हमें हमारे पैसे वापस किए जाएं।
मामला बढ़ता देख पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन और परिजनों के बीच बातचीत का प्रयास जारी है। इसके अलावा परिजन प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर समाधान निकाले।