राजगढ़ जिला मुख्यालय में श्रम विभाग की टीम ने तीन दुकानों पर बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में बाल श्रमिकों को मुक्त कराते हुए 3 दुकानदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
अहिंसा वेलफेयर सोसायटी और चाइल्ड लाइन को लगातार कुछ प्रतिष्ठानों में नाबालिग बच्चों से काम कराये जाने की लगातार खबर मिल रही थी। जिनके आधार पर श्रम विभाग की टास्क फोर्स ने टीम बनाकर जांच की और निरीक्षण के दौरान 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम करते हुए पाया गया। कई दूकानदार पैसे बचाने के लिए बाल श्रम करवाते है, वह छोटे बच्चो को काम मजदूरी पर काम पर रख लेते है।
इस कार्रवाई में श्रम निरीक्षक मनोज चौहान, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी विक्रम सिंह ठाकुर, विशेष किशोर पुलिस इकाई के अधिकारी रमेश चंद भिलाला, अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य मनीष दांगी, रजनी प्रजापति और निकिता मेवाड़े सहित अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया।
बाल श्रम अधिनियम 1986 के तहत:
भारत में बाल श्रम अधिनियम 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। 14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को खतरनाक कार्यों में लगाना भी कानून का उल्लंघन है। ऐसा करते पाए जाने पर 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो साल तक की जेल हो सकती है।