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    क्या आपने कभी LPG सिलेंडर के निचे की है जांच, अगर नहीं तो हो जाएं सतर्क! जानिए क्यों?

    अगर आप LPG सिलेंडर की डिलीवरी के बाद केवल उसके ऊपरी हिस्से (रेगुलेटर कनेक्शन) को जांचकर संतुष्ट हो जाते हैं, तो अब सतर्क हो जाने की जरूरत है। गैस लीकेज का खतरा सिर्फ ऊपरी हिस्से तक सीमित नहीं होता, बल्कि सिलेंडर के निचले हिस्से (तलहटी) से भी गैस रिसाव हो सकता है, जो बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

    एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के गुना जिले से सामने आया है, जहा एक गैस बॉटलिंग प्लांट में लापरवाही की वजह से सिलेंडर की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। रोज की तरह बॉटलिंग प्लांट से सिलेंडर भरकर विभिन्न गैस एजेंसियों को भेजे गए। इनमें से एक गैस एजेंसी में डिलीवरी के दौरान स्टाफ को संदेह हुआ और जांच करने पर पता चला कि एक सिलेंडर की तलहटी से गैस लीक हो रही थी।

    लीकेज इतना ज्यादा था कि गैस निकलने की आवाज तक सुनाई दे रही थी। जैसे ही एजेंसी संचालक ने बॉटलिंग प्लांट के अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया, वहां हड़कंप मच गया। आनन-फानन में निर्देश दिए गए कि लीक हो रहे सिलेंडर को अलग रखकर गैस के समाप्त होने का इंतजार किया जाए। कुछ घंटों बाद सिलेंडर पूरी तरह खाली हो गया, लेकिन सवाल यही है कि अगर यह सिलेंडर किसी ग्राहक के घर पहुंच जाता तो क्या हो सकता था?

    रोज रिफिल होते हैं हजारों सिलेंडर

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुना के बॉटलिंग प्लांट में प्रतिदिन लगभग 25,000 सिलेंडरों को रिफिल किया जाता है। इन सिलेंडरों को 80 से 100 ट्रकों के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों तक पहुंचाया जाता है। हर ट्रक में लगभग 342 सिलेंडर होते हैं। इतनी बड़ी संख्या में सिलेंडरों की रिफिलिंग के बावजूद सुरक्षा जांच में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं की जान जोखिम में पड़ सकती है।

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    लापरवाही बन सकती है बड़ा हादसा

    एलपीजी गैस से जुड़ी जरा-सी लापरवाही भयावह हादसे का रूप ले सकती है। हाल ही में गुजरात के वडोदरा के कोयली गांव स्थित IOCL के बॉटलिंग प्लांट में स्टोरेज टैंक में भीषण आग लग गई थी। इस विस्फोट के झटके 4 किलोमीटर तक महसूस किए गए और 10 किलोमीटर दूर तक धुआं देखा गया था। जांच में सामने आया कि हादसा रखरखाव में लापरवाही की वजह से हुआ था।

    इस घटना से सीख लेने की जरूरत है ताकि गुना में कोई बड़ा हादसा न हो। उपभोक्ताओं को भी चाहिए कि वे सिलेंडर की डिलीवरी के बाद उसकी तलहटी की जांच जरूर करें और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत संबंधित गैस एजेंसी को सूचित करें।

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    Tags : Madhya Pradesh News in Hindi,

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