उत्तर प्रदेश के बरेली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जिसमें पुलिसकर्मियों ने ही एक आईपीएस अधिकारी पर हमला कर दिया था। साल 2010 में एसपी यातायात कल्पना सक्सेना को अवैध वसूली की जांच करने के दौरान जान से मारने की कोशिश की गई थी। तीन पुलिसकर्मियों और उनके साथी ने उन्हें 200 मीटर तक घसीटा और कार से कुचलने की कोशिश की। अब 14 साल बाद कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को दोषी करार दिया है।
अवैध वसूली की जांच कर रही थीं एसपी
2 सितंबर 2010 को बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में SP कल्पना सक्सेना ट्रक चालकों से हो रही अवैध वसूली की शिकायत पर मौके पर पहुंची थीं। जब उन्होंने पुलिसकर्मियों को रंगे हाथों पकड़ने की कोशिश की, तो आरोपी सिपाही रविंद्र, रावेंद्र, मनोज और उनके साथी धर्मेंद्र ने हमला कर दिया।
जब एसपी ने मनोज को रोकने की कोशिश की, तो उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी और उन्हें कुचलने की कोशिश की। SP ने खुद को बचाने के लिए मनोज की गर्दन पकड़ ली, लेकिन पीछे बैठे सिपाहियों ने उन पर हमला कर दिया और सिर पर वार किया।
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हमलावरों ने यह भी कहा था की, “आज तेरा आखिरी दिन है, जो दूसरा आएगा, वह हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं करेगा!” इसके बाद उन्होंने SP को 200 मीटर तक घसीटा। जब वह अपनी साजिश में सफल नहीं हो पाए, तो उन्हें धक्का देकर भाग निकले।
कोर्ट का फैसला
घटना के बाद SP ने तत्काल मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने 14 गवाह और 22 साक्ष्य कोर्ट में पेश किए। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने चारों आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें जेल भेज दिया। सजा पर अंतिम सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
देशभर में मचा था हड़कंप
यह घटना सामने आने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। पुलिस विभाग में अधिकारियों का अपने ही अधीनस्थों से भरोसा उठने लगा था। अब जबकि कल्पना सक्सेना गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं, यह फैसला न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अब देखना होगा कि कोर्ट दोषियों को कितनी सख्त सजा सुनाती है, ताकि भविष्य में कोई भी कानून की रक्षा करने वाले अधिकारियों पर हमला करने की हिम्मत न करे।
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