54 वर्षीय प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और संवाद लेखक शंकर दयाल का गुरुवार रात हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। अचानक आए हार्ट अटैक के कारण उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। इनकी पहचान 2012 की तमिल राजनीतिक व्यंग्य फिल्म ‘सगुनी’ से हुई थी।
शंकर दयाल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत संवाद लेखन से की। उन्होंने अर्जुन की ‘परशुराम’ (2003) और जयम रवि की ‘दीपावली’ (2007) जैसी फिल्मों में संवाद लिखकर अपनी पहचान बनाई। उनका बड़ा ब्रेक ‘सगुनी’ से आया, जिसमें कार्थी मुख्य भूमिका में थे।
अभी के प्रोजेक्ट्स:
शंकर दयाल के निधन की खबर ऐसे समय में आई है जब उनकी आगामी फिल्म ‘कुज़ंतैगल मुनेत्र कझगम’ का टीज़र कुछ ही दिन पहले रिलीज़ हुआ था। इस फिल्म में सेंथिल और योगी बाबू मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म शंकर की निर्देशन की वापसी मानी जा रही थी, लेकिन उनका असमय निधन प्रशंसकों और सहकर्मियों के लिए एक गहरा सदमा लेकर आया।
उनकी मौत की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। उनके साथ काम करने वाले दोस्तों और सहकर्मियों ने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उनके योगदान और कहानी कहने की अद्वितीय शैली की प्रशंसा करते हुए, शंकर दयाल को एक अद्वितीय प्रतिभा के रूप में याद किया जा रहा है।