हरियाणा के गुरुग्राम में एक होटल की तीसरी मंजिल से गिरकर 23 वर्षीय हिमांशु की मौत हो गई। बिहार निवासी हिमांशु पर मध्यप्रदेश एटीएस ने टेरर फंडिंग और साइबर क्राइम में शामिल होने का आरोप लगाया था। जांच में यह सामने आया कि हिमांशु को एमपी एटीएस ने बिना वारंट हिरासत में रखा था। इस मामले में मध्यप्रदेश एटीएस के 9 सदस्यों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिनमें इंस्पेक्टर राहुल शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल शामिल हैं। घटना के बाद हरियाणा पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है।
हिमांशु के पिता के आरोप:
हिमांशु के पिता रमेश ने आरोप लगाया कि उनका बेटा सीआरपीएफ में भर्ती की तैयारी कर रहा था और इस उद्देश्य से नोएडा गया था। उन्होंने बताया कि हिमांशु 14 नवंबर 2024 को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुआ था और 6 जनवरी को आखिरी बार बात हुई थी, जब उसने कहा था कि वह ठीक है। रमेश ने दावा किया कि हिमांशु निर्दोष था और उसकी साजिश के तहत हत्या की गई है।
हरियाणा पुलिस की जांच:
हिमांशु के चाचा चंदन कुमार की शिकायत पर हरियाणा पुलिस ने एमपी एटीएस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। सोहना पुलिस होटल के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
एटीएस का पक्ष:
मध्यप्रदेश एटीएस ने दावा किया कि हिमांशु बाथरूम जाने के बहाने गैलरी में आया और बिजली केबल के सहारे भागने की कोशिश की, लेकिन केबल पकड़ने में नाकाम रहने के कारण वह सिर के बल नीचे गिर गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।
परिजनों के आरोप:
हिमांशु के परिवार ने एमपी एटीएस पर हत्या का आरोप लगाया है। चंदन कुमार ने कहा कि हिमांशु को बिना वारंट होटल में रखा गया और तीसरी मंजिल से धक्का देकर मार दिया गया।
साइबर क्राइम की जांच:
मध्यप्रदेश एटीएस ने बताया की आरोपियों के पास से 14 लैपटॉप, एक टैबलेट, 85 डेबिट कार्ड और 41 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपियों का टेरर लिंक था या नहीं। मप्र साइबर सेल और एटीएस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।
इस घटना ने हिमांशु के परिवार और क्षेत्र में गहरा शोक पैदा कर दिया है। परिवार न्याय की मांग कर रहा है, जबकि एटीएस और पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं।