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    रायसेन में साल में दो बार जलाया जाता है रावण का पुतला, 118 सालों से चली आ रही है परंपरा

    मध्यप्रदेश के रायसेन नगर की एक अनोखी परंपरा है, जहां साल में दो बार रावण के पुतले का दहन किया जाता है। दशहरे के बाद, यहां लगने वाले वार्षिक रामलीला मेले में, रामलीला के मंचन के दौरान रावण वध के उपरांत 40 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इस आयोजन में पूरा नगर हिस्सा लेता है और यह परंपरा पिछले 118 सालों से चली आ रही है।

    इस वर्ष भी एक महीने तक चले इस मेले का समापन रावण दहन के साथ किया गया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं पंचायत विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए और कार्यक्रम में अयोध्या में रामलला मंदिर की स्थापना की पहली वर्षगांठ पर सभी को बधाई दी और भगवान राम के आदर्शों को अपनाने का संदेश दिया।

    रायसेन का यह प्रसिद्ध रामलीला मेला अपनी अनूठी मैदानी रामलीला के लिए जाना जाता है। एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, जो उनके लिए गर्व का विषय है। मध्यप्रदेश में इस प्रकार की मैदानी रामलीला का आयोजन केवल रायसेन और विदिशा में ही देखने को मिलता है, जो इन नगरों की विशेष पहचान बन चुका है।

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