इंदौर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से ड्रग तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई के दौरान लगभग 12 लाख रुपये की ड्रग्स बरामद की गई। हैरान करने वाली बात यह है कि नाबालिगों का उपयोग कर ड्रग्स की बिक्री करवाई जा रही थी।
क्राइम ब्रांच ने आदतन अपराधी मोहसिन उर्फ छगन भाई और उसके साथी शहबाज को गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से 102 ग्राम एमडी ड्रग, 1 किलो 46 ग्राम चरस और 3 किलो 882 ग्राम गांजा बरामद किया गया। बरामद ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग 12 लाख रुपये आंकी गई है।
मोहसिन, जो धार जिले का निवासी है, पहले से ही कई आपराधिक मामलों में शामिल था, जिसमें मारपीट और धमकी के मामले भी शामिल हैं। वह बाहरी राज्यों से ड्रग्स लाकर इंदौर में तस्करी करता था। उसका साथी शहबाज भी पहले से ही NDPS एक्ट के तहत वांछित था। मोहसिन पहले पीओपी का काम करता था, लेकिन बाद में उसने ड्रग तस्करी में कदम रख दिया।
बाणगंगा पुलिस ने एक चौंकाने वाला मामला उजागर किया, जिसमें 14 साल के नाबालिग से ब्राउन शुगर बिकवाई जा रही थी। लक्की नामक व्यक्ति और नावेल्टी मार्केट के एक दुकानदार ने नाबालिग को ब्राउन शुगर की पुड़िया बेचने के लिए सांवेर रोड भेजा था। बदले में नाबालिग को ई-सिगरेट देने का लालच दिया गया था।
पुलिस ने लक्की और दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश जारी है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि बच्चों को ड्रग्स की दुनिया में धकेलने वाले तस्करों की अमानवीयता को भी उजागर करती है।
कड़ी कार्रवाई की जरूरत:
इन घटनाओं के बाद इंदौर में ड्रग्स तस्करी और उसके बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से ड्रग्स तस्करी का यह बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान कठोर कानूनों और सख्त निगरानी से ही संभव है। नागरिकों ने भी पुलिस से इस प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि शहर को नशे के इस जाल से मुक्त किया जा सके।