शहडोल के आदिवासी कन्या शिक्षा परिसर कंचनपुर की दर्जनों छात्राएं अपनी शिकायत लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचीं, जहां उन्होंने प्राचार्य पर जातिगत भेदभाव और अपमान करने के आरोप लगाए। छात्राओं का कहना है कि प्राचार्य उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, और कहते है की “तुम लोग गरीब, अनाथ और आदिवासी हो।” इस तरह की टिप्पणियों से दुखी होकर छात्राओं ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
छात्राओं के कलेक्ट्रट पहुंचने से जिला प्रशासन और आदिवासी कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया। छात्राओं ने परिसर में कार्यरत एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पर भी गलत व्यवहार का आरोप लगाया है।
रोकने पर भी नहीं रुकी छात्राए:
प्राचार्य और स्टाफ ने छात्राओं को परिसर से बाहर निकलने और जिला मुख्यालय जाने से रोकने की बहुत कोशिश की। लेकिन फिर भी वह सुबह 8:30 बजे बस से कलेक्ट्रेट पहुंच गईं। मामले को गंभीर होता देख प्राचार्य स्वयं कलेक्ट्रेट पहुंच गए।
छात्राओं ने कलेक्ट्रट में कलेक्टर से मिलने की लेकिन कुछ देर बाद एसडीएम ने उनसे बातचीत की और निष्पक्ष जांच व कार्रवाई का भरोसा दिया। सहायक आयुक्त एवं आदिवासी विकास, आनंद राय सिन्हा ने बताया कि मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति में 2 डिप्टी कलेक्टर, 4 प्राचार्य और एक क्षेत्र संचालक शामिल हैं। जांच के बाद तथ्य सामने आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षा परिसर में प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर पहले भी विवाद हुआ था।
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