इंदौर के प्राचीन गोपाल मंदिर में रविवार को शादी समारोह का आयोजन किया गया, जिसके लिए मंदिर परिसर को किराए पर दे दिया गया था। इस दौरान गर्भगृह के सामने के हिस्से में विवाह समारोह हुआ और खाने के स्टॉल लगाए गए, जिससे भक्तों को पूजा-अर्चना में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। भक्तों ने इस पर आपत्ति भी जताई।
यह मंदिर संभागायुक्त कार्यालय के अधीन आता है। गोपाल मंदिर संस्थान के मैनेजर कौशल ने बताया कि अफसरों के निर्देश पर ही 25 हजार रुपये की रसीद काटकर मंदिर को किराए पर दिया गया था। हालांकि अब वे इस मामले को अफसरों का आदेश बता रहे हैं।
गोपाल मंदिर का तीन साल पहले करोड़ों रुपये की लागत से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जीर्णोद्धार किया गया था। आमतौर पर यहां निजी आयोजनों की अनुमति नहीं दी जाती है, लेकिन इस बार परिसर में फूलों की सजावट, मेहमानों के लिए सोफे, हवन कुंड और दुल्हा-दुल्हन के फेरे के लिए विशेष डेकोरेशन किया गया था।
मंदिर के गलियारे में कुर्सियां लगाई गई थीं और परिसर में ही भोजन भी तैयार किया जा रहा था। इमामवाड़ा क्षेत्र में टेंट लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया था, जिससे यातायात में भी बाधा आई। गर्भगृह के सामने विवाह समारोह आयोजित होने से भक्तों को पूजा में दिक्कत हुई और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई।