मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के खाचरोद क्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी करने वाली युवती को उसके परिजनों ने मृत मानते हुए अंतिम संस्कार जैसी रस्में पूरी कर दी। इस घटना के बाद परिजनों ने पूरे गांव को आमंत्रित कर बेटी का पिंडदान किया, शोक पत्रिका छपवाई और शांति भोज का आयोजन भी किया।
घरवालो को पहचानने से किया इनकार
खाचरोद तहसील के घुड़ावन गांव निवासी वर्दीराम गरगामा की बेटी मेघा गरगामा ने प्रेमी दीपक के साथ घर से भागकर विवाह कर लिया। जब परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, तब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को ढूंढकर थाने बुलाया। यहां जब पुलिस ने मेघा से उसके माता-पिता की पहचान करने को कहा, तो उसने साफ इनकार कर दिया। बेटी के इस फैसले से आहत परिवार ने समाज के सामने उसे मृत मानने का निर्णय ले लिया।
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छपवाई गई शोक पत्रिका
बेटी के इस रवैये से दुखी परिजनों ने बाकायदा शोक पत्रिका छपवाकर उसकी ‘मृत्यु’ की सूचना समाज में फैलाई। पत्रिका में लिखा गया कि आज की पीढ़ी आधुनिकता की आड़ में परिवार की मान-मर्यादा भूलती जा रही है। इसके अलावा, समाज को जागरूक करने के लिए यह संदेश भी दिया गया कि माता-पिता की भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है, अन्यथा यह परंपराओं के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
पिंडदान के साथ किया गया शांति भोज का आयोजन
बेटी द्वारा रिश्तों से नाता तोड़ने के बाद परिजनों ने समाज के सामने उसका विधिवत पिंडदान किया और परंपराओं का पालन करते हुए शांति भोज का आयोजन भी किया। इतना ही नहीं, परिजनों ने बेटी से हमेशा के लिए संबंध समाप्त करने के प्रतीक रूप में मुंडन संस्कार भी करवाया। यह पूरी घटना गांव और आसपास के इलाकों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है और समाज में प्रेम विवाह को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
शोक पत्रिका में दर्ज की गई ‘मृत्यु तिथि’
परिजनों ने बेटी की ‘मृत्यु’ की आधिकारिक घोषणा करते हुए शोक पत्रिका में लिखा कि मेघा गरगामा का स्वर्गवास 15 मार्च 2025, शनिवार को हो गया है। इस घटना के बाद से गांव में परंपरा, रिश्तों और आधुनिकता के प्रभाव को लेकर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।
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