मध्यप्रदेश के लाखों राशन कार्ड धारकों के लिए राज्य सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। यदि लाभार्थी 30 अप्रैल तक अपनी ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी नहीं करते, तो उन्हें 1 मई से सरकारी राशन योजना के अंतर्गत अनाज नहीं मिलेगा।
खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्पष्ट कर दिया है कि गांव-गांव और बस्ती-बस्ती जाकर शिविर आयोजित किए जाएं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रह जाए। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में कुल 543.31 लाख पात्र हितग्राही हैं, जिनमें से अब भी 108.27 लाख लोगों की ई-केवायसी लंबित है।
राज्यव्यापी अभियान 9 अप्रैल से हुआ शुरू
राज्य सरकार ने 9 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद शेष बचे लाभार्थियों को ई-केवायसी प्रक्रिया से जोड़ना है। इस दौरान लाभार्थियों की पहचान पीओएस मशीन, स्थानीय संस्थाओं और विभागीय लॉगिन्स के माध्यम से की जा रही है, ताकि हर एक व्यक्ति तक जानकारी पहुंच सके।
मंत्री राजपूत ने विभागीय टीमों से कहा है कि जब तक किसी क्षेत्र की पूरी आबादी की ई-केवायसी नहीं हो जाती, तब तक उस इलाके को न छोड़ा जाए। साथ ही, जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, या जो स्थायी रूप से अन्यत्र चले गए हैं, उनके नामों को “एम राशन मित्र” पोर्टल से हटाने की प्रक्रिया भी अनिवार्य कर दी गई है।
अगर आप चाहते हैं कि राशन की सुविधा निर्बाध रूप से मिलती रहे, तो जल्द से जल्द नजदीकी शिविर या सरकारी राशन की दुकान में जाकर ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी करें।
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