बिहार के भागलपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान एक दर्दनाक घटना घटी, जिससे पूरे इलाके में उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। सड़क किनारे फल बेच रहे एक वृद्ध विक्रेता को ट्रैफिक डीएसपी ने सख्ती से डांटा, जिससे घबराकर उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर आगजनी की, जिससे पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हादसा
यह मामला जोगसर थाना क्षेत्र के घंटाघर चौक का है, जहां प्रशासन द्वारा सड़क पर लगाए गए ठेलों और दुकानों को हटाने का अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान, सड़क पर फल बेच रहे महेंद्र साव को देखकर ट्रैफिक डीएसपी ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अधिकारी ने उन्हें अपशब्द कहे और डराने के लिए डंडा भी उठाया। इस घटना से महेंद्र साव अचानक बेहोश होकर गिर पड़े और उनकी हालत बिगड़ने लगी।
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अस्पताल पहुंचने से पहले मौत
महेंद्र साव के बेटे दिनेश साव ने बताया कि पिता की तबीयत बिगड़ते ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस खबर के फैलते ही स्थानीय लोग और फल विक्रेता गुस्से में आ गए और उन्होंने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने टायर और लकड़ियां जलाकर आगजनी की, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
शव को सड़क पर रखकर किया विरोध प्रदर्शन
गुस्साए लोगों ने मृतक के शव को ठेले पर रखकर मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया और कड़ी कार्रवाई व मुआवजे की मांग करने लगे। घटना की सूचना मिलते ही भागलपुर विधायक अजित शर्मा, डीएसपी अजय चौधरी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया।
प्रशासन ने मुआवजे का दिया आश्वासन
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए एसडीओ धनंजय कुमार ने स्टांप पेपर पर लिखित रूप में उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन खत्म किया, और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हालांकि, इस घटना के बाद ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं, और स्थानीय लोग दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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