DGCA के नए नियमो के बाद शहडोल में बिना पासपोर्ट के ड्रोन की उड़ान पर रोक लग गयी है। कुछ समय पहले कृषि विभाग ने ड्रोन उड़ाना सिखने के लिए पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया था जिसके बाद किसान ड्रोन प्रशिक्षण में भाग नहीं ले रहे है। पड़े पूरी खबर निचे।
शहडोल: कृषि विभाग द्वारा जब से ड्रोन प्रशिक्षण के लिए पासपोर्ट की अनिवार्य किया है तब से शहडोल संभाग में ड्रोन की उड़ान पर ब्रेक सा लग गया हैं। जिसके बाद संभागीय मुख्यालय शहडोल में एक भी किसान के पास ड्रोन नहीं है।
किसान ड्रोन की मदद से खेतो में कीटनाशक डाल सकते थे पर पासपोर्ट की अनिवार्यता की वजह से किसानो का रुझान ड्रोन के प्रति कम होता जा रहा है। क्योकि कृषि विभाग द्वारा पासपोर्ट को ही वैध परिचय पत्र के रूप में मान्य किया गया है।
ऐसे में अगर कोई किसान प्रशिक्षण लेना चाहता है तो उसे पहले पासपोर्ट जमा कराना होता है।
डीजीसीए ने जारी किये दिशा निर्देश:
कीटनाशकों के छिड़काव के संबंध में ड्रोन ट्रेनिंग के लिए किसानो के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य किया गया है। यह फैसला नागरिक उड्डयन महानिदेशक की तरफ से जारी दिशा निर्देशों के तहत लिया गया है। डीजीसीए पासपोर्ट को पहचान के लिए सबसे जरुरी एवं विश्वस्त दस्तावेज मानता है।
ट्रेनिंग का खर्च भी किसान उठाते है:
ट्रेनिंग का खर्च 15 हजार रुपये है जो की किसान को खुद ही उठाना पड़ता है। जिसके बाद ट्रेनिंग कम्पलीट किये हुए लोगों को ड्रोन खुद अपने खर्चे पर खरीदना पड़ेगा। ड्रोन की कीमत दस से पंद्रह लाख रुपये तक है।
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